शब्दों के कोड वर्ड से हो रही है वोटरों के पसंद की पहचान
- चौक-चौराहे पर खूब हो रही लोकसभा चुनाव की रोचक चर्चा
डुमरांव : भोजपुरी बोलचाल की खूबसूरती में द्विअर्थी शब्दों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन दिनों जब लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है, तो प्रत्येक दो चार लोगों के बीच की चर्चा में चुनाव की चर्चा आ ही जाती है। भोजपुरी भाषा के द्विअर्थी शब्द वोटरों के मिजाज की गवाही दे रहे हैं। जब एक वोटर से दूसरा यह पूछता है कि का हाल बा, तब उधर से जवाब आता है कि हम त आनंद में बानी। अगले को यह समझते देर नहीं लगती है कि यह व्यक्ति पूर्व आइपीएस अधिकारी निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्रा की बात कर रहा है। उसी तरह भाजपा प्रत्याशी मिथिलेश कुमार तिवारी के वोटर से खैरियत पूछने पर वह जय श्रीराम कहता है। अगला समझ जाता है कि बात भाजपा प्रत्याशी के समर्थन की हो रही है। जब कोई कहता है कि संविधान खतरे में है, तब अगले को यह समझते देर नहीं लगती है कि बात राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह के समर्थन में हो रही है। जब किसी ने अपने खैरियत का जवाब यह कह कर दिया कि जवानी जनता के बीच है, तब अगला व्यक्ति यह समझ जाता है कि बाद निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मंत्री ददन सिंह यादव की हो रही है। बगैर किसी प्रत्याशी और पार्टी का नाम लिए मतदाता शहर के चौक-चौराहों पर द्विअर्थी शब्दों के इस्तेमाल से लोकसभा चुनाव में अपने चाहते प्रत्याशी के समर्थन तथा मतदान का रुझान दे रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव की चर्चा तथा द्विअर्थी शब्दों का इस्तेमाल खूब देखा जा रहा है। इन्हीं शब्दों से यह भी पता चल रहा है कि वोटरों के बीच किस प्रत्याशी का पलड़ा कितना भारी है। वोटर एक दूसरे का मन टटोलने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल आपस में खूब कर रहे हैं।
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